उत्तराखंड

परशुराम जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश की मांग को लेकर ज्ञापन

पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग

श्री हरि विष्णु जी के षष्ठम चिरंजीवी अवतार भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव (29 अप्रैल, अक्षय तृतीया) पर उत्तराखंड में सार्वजनिक अवकाश की मांग को लेकर ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद, (पंजी.) द्वारा माननीय मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी जी के प्रतिनिधि को सौंपा।

एक अन्य ज्ञापन में पश्चिम बंगाल में हिंदुओं की हत्याओं के विरोध में रोष प्रकट करते हुए परिषद ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया से राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग करते हुए हिंदुओं की हत्या, पलायन पर तत्काल कार्यवाही करने की भी मांग की गई हैं।

ज्ञापन में कहा गया हैं कि देश के कई राज्यों में भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। जबकि सर्वाधिक ब्राह्मण जनसंख्या वाले देवभूमि उत्तराखंड में भगवान श्री परशुराम जी के जन्मोत्सव पर ब्राह्मण संगठनों द्वारा कई वर्षों से बार बार मांग किए जाने के बावजूद मुख्यमंत्री जी एवं राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित नहीं किया गया हैं।

ब्राह्मण समाज की जनभावनाओं का सम्मान करते हुए परशुराम जन्मोत्सव पर सार्वजनिक अवकाश घोषित करने की मांग की गई हैं। महामहिम राष्ट्रपति महोदया को संबोधित एक अन्य ज्ञापन में बांग्लादेश से लगते कई मुस्लिम जिलों खासकर मुर्शिदाबाद में एक वर्ग विशेष द्वारा हिन्दुओं का कत्लेआम एवं भारी संख्या में हिंदुओं के पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए बंगाल में तत्काल राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की गई हैं।

ज्ञापन देने वालों में मुख्यरूप से अध्यक्ष पं. सुभाष चंद्र जोशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष एस.पी.पाठक, महासचिव उमानरेश तिवारी, प्रवक्ता डॉ.वी.डी.शर्मा, पं. शशिकांत दुबे, राजकुमार तिवारी, रेनू रतूड़ी, पवन त्रिपाठी, पं.जीवन प्रकाश शुक्ला, प्रदीप शुक्ला, विजय शंकर पांडे, दिनेश्वर नाथ द्विवेदी, अरुण जोशी, डी.पी.पांडे, जे एन पांडे, संजीव शर्मा, एच के त्रिपाठी, सौरभ मिश्रा, अमरदीप मिश्रा, आलोक पाण्डेय, सत्यनारायण मिश्रा आदि मौजूद थे।

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