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राजभवन में बिहार राज्य स्थापना दिवस मनाया गया।

शनिवार को राजभवन में बिहार राज्य स्थापना दिवस मनाया गया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड में रह रहे बिहार के निवासियों सहित यहां कार्यरत शासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्थापना दिवस कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बिहारी महासभा ने बिहार की संस्कृति पर आधारित छठ पर्व गायन, भोजपुरी गायन और मैथलीगीत सहित अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने सभी उपस्थित लोगों को राज्य स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि यह दिवस बिहार के समृद्ध इतिहास, सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं और गौरवशाली धरोहर को आत्मसात करने का अवसर प्रदान करता है। राज्यपाल ने कहा कि बिहार राज्य महान सम्राटों, विद्वानों और संतों की जन्मस्थली रहा है। मौर्य, गुप्त और पाल वंशों ने इस धरती पर शासन कर भारतीय सभ्यता को समृद्ध किया। नालंदा और विक्रमशिला विश्वविद्यालयों ने प्राचीन भारत को विश्वगुरु की उपाधि दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

राज्यपाल ने कहा कि बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और लोक परंपराएं देश के सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत बनाती हैं। छठ पूजा बिहार की लोक आस्था का प्रतीक है, जो पूरे देश में श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवसों को मनाने की परंपरा से राज्यों के बीच की एकता और सहयोग की भावना और प्रगाढ़ होती है। उन्होंने कहा कि हमारी विविधता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। जब हम एक-दूसरे की संस्कृति, परंपराओं और विरासत को जानने और सम्मान देने लगते हैं, तब ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना सशक्त होती है।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन, विशेष प्रमुख सचिव अमित कुमार सिन्हा, सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, अपर सचिव गृह निवेदिता कुकरेती, बिहारी महासभा के अध्यक्ष ललन सिंह, सचिव चंदन कुमार झा, कोषाध्यक्ष रितेश कुमार, डॉ. राम विनय सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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